THE DEFINITIVE GUIDE TO APSARA SADHNA

The Definitive Guide to apsara sadhna

The Definitive Guide to apsara sadhna

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Anita sought Apsara Sadhana to boost her intimate daily life. Right after a number of classes guided by Astrologer Ayush Rudhra Ji, she found a newfound assurance and appeal. “I under no circumstances considered I could attract the correct spouse. Now, I come to feel empowered and open up to like,” she shares.

अप्सरा साधना के लाभ आध्यात्मिक एवं मानसिक स्तर पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। यह साधना साधक को अनेक आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक लाभ प्रदान करती है। निम्नलिखित हैं अप्सरा साधना के लाभ:

कामेच्छी अप्सरा साधना परिचय- अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है । इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं । इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं । नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं । तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं ।

Nevertheless, with total resolve, dedication, pure intentions and to the betterment of your daily life, you are able to definitely do Apsara Sadhana and invoke an Apsara to give you the results you want.

ध्यान और मंत्र साधना: अप्सरा साधना में ध्यान और मंत्र साधना का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साधक को ध्यान और मंत्र जाप के माध्यम से अप्सरा देवियों के संग संवाद करने का अभ्यास करना चाहिए।

आकर्षण शक्ति: अप्सराएं अत्यधिक सुंदर होती हैं और उनकी आकर्षण शक्ति अत्यंत प्रभावशाली होती है। वे अपने सौंदर्य और चर्म से लोगों को मोहित कर सकती हैं।

साधना के लिए एकांतिक स्थान का चयन करें, जिससे कि आपकी पूजा या साधना में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।

आत्मिक शक्ति: अप्सराएं आत्मिक शक्तिशाली होती हैं और उनकी आत्मिक शक्ति साधकों को आत्म-सम्मोहन और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक होती है।

आत्म-विकास और स्थिरता: अप्सरा साधना साधक को आत्म-विकास और स्थिरता की ओर ले जाती है। यह साधना उसे आत्मिक शक्ति और शांति का अनुभव कराती है जो कि उसकी जीवन में सुख और समृद्धि लाती है।

आप पालथी मारकर बैठ सकते हैं और मेरुदंड को सीधा रख सकते हैं।

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कहा जाता है कि जब तक अप्सराएँ वचन नहीं देती, तब तक उनकी बातों पर विश्वास न करें।

साधना किसी योग्य गुरु के निर्देशन में करना चाहिए।

इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो more info देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।

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